आपसी रोकथाम की इस नीति का मतलब यह है कि यदि एक देश दूसरे देश पर एटमी हमला करता है तो उसपर भी जवाबी हमला होगा। इस तरह वैश्विक टकराव की स्थिति में एटम बमों का इस्तेमाल करके किसी भी देश की जीत की कोई संभावना नहीं रहेगी। अमरीकी फ़ौजी अधिकारियों का मानना है कि एटम बम के होने की वजह से ही 1945 के बाद कोई विश्व-युद्ध नहीं हुआ।
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रूस-भारत संवाद और भारतीय विश्व सरोकार परिषद (इण्डियन कौंसिल फ़ॉर वर्ल्ड अफ़ेयर्स) द्वारा विगत 19 अप्रैल को आयोजित एक वीडियो कांफ़्रेंस में विशेषज्ञों का कहना था कि अन्तरराष्ट्रीय आतंकवाद का मुक़ाबला करने के सवाल पर रूस और भारत की राय एक जैसी है। दोनों ही देश इस मुद्दे पर नियमित रूप से विचार-विमर्श करते रहते हैं, लेकिन अक्सर देखा जाता है कि मीडिया में इस बात का पूरी तरह से ज़िक्र नहीं होता।
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समाचार समिति तास द्वारा दी गई सूचना के अनुसार, दिल्ली की यात्रा कर रहे चिल्याबिन्स्क प्रदेश के राज्यपाल बरीस दुब्रोवस्की ने कहा है कि भारत और चिल्याबिन्स्क के बीच व्यापार को बढ़ाकर 3-4 गुना कर दिया जाएगा।
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