’श्तोर्म’ यानी ’तूफ़ान’ नामक यह विशाल विमानवाहक युद्धपोत रूस 2025 तक बनाकर तैयार कर लेगा। रूसी सेना को हथियारबन्द करने की 2019 से 2025 तक चलने वाली अगली परियोजना में इस विमानवाहक पोत का निर्माण भी शामिल किया गया है। उसके बाद लड़ाकू और बमवर्षक विमानों से पूरी तरह लैस करके इस विशालकाय युद्धपोत को 2030 तक रूसी नौसैनिक बेड़े में शामिल कर लिया जाएगा। विशेषज्ञों का मानना है कि इस युद्धपोत को मस्क्वा (मास्को) से 1880 किलोमीटर दूर स्थित सिविरामोर्स्क नौसैनिक अड्डे पर तैनात किया जाएगा।
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12 अप्रैल को रूस और भारत सरकार के क़रीबी सूत्रों ने रूस-भारत संवाद को बताया कि चीन ने मस्क्वा (मास्को) में आयोजित रक्षामन्त्रियों की उस त्रिपक्षीय बैठक में भाग लेने के रूस के अनुरोध को ठुकरा दिया है, जिसमें भारत के रक्षामन्त्री को भी हिस्सा लेना था।
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13 अप्रैल को रूस के राष्ट्रपति व्लदीमिर पूतिन ने भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और भारत के प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी को रूस और भारत के बीच राजनयिक रिश्तों की स्थापना की 70 वीं जयन्ती के अवसर पर शुभकामना सन्देश भेजा है। यह संदेश रूस के राष्ट्रपति की वेब-साइट पर भी प्रकाशित किया गया है।
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