भारत और रूस के बीच राजनयिक सम्बन्धों की कहानी दूसरे विश्व युद्ध की समाप्ति के समय से शुरू होती है। उस समय भारत का स्वाधीनता संग्राम अपने अन्तिम चरण में था। जर्मन फ़ासीवाद के ऊपर मित्र राष्ट्रों की विजय में सोवियत संघ का काफी बड़ा योगदान होने के कारण अन्तरराष्ट्रीय परिस्थिति में भारी बदलाव आ गया था और वैश्विक मामलों में सोवियत संघ की भूमिका प्रमुख हो गई थी। इसी वजह से अँग्रेज़ी शासन से भारत की मुक्ति को भी गति मिली।
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मिसाइल-वैज्ञानिक सिवाथानु पिल्लई ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल को ’भारतीय सेना का ब्रह्मास्त्र’ कहते हैं। हालाँकि सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइल भगवान ब्रह्मा का हथियार नहीं है, लेकिन यह हमारी पृथ्वी का एक सबसे विनाशकारी क्रूज मिसाइल है।
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