मरीया लगच्योवा ने जीवविज्ञान संकाय में अपनी शिक्षा पूरी की और आज वे रूस के प्रसिद्ध मस्क्वा (मास्को) विश्वविद्यालय की जीनोमिक विश्लेषण प्रयोगशाला में विभिन्न पौधों की जीनोमिक्स की पड़ताल करती हैं। 2014 में उन्हें अपने एक शोध के लिए ल’ओरियल-यूनेस्को पुरस्कार मिला था। मरीया ने कहा — मेरे पति भी मेरे साथ ही मेरी ही प्रयोगशाला में काम करते हैं और यह बहुत अच्छा है क्योंकि अगर ऐसा नहीं होता तो हमारी कभी मुलाकात ही न हो पाती। हम दोनों ही अपने-अपने काम में लगे रहते हैं।
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बस, बहुत बदसूरत नहीं हो
रूसी औरतें ऐसे पुरुषों को अच्छी नज़र से नहीं देखती हैं, जो अपना वैसे ही ख़याल रखते हैं, जैसे औरतें रखती हैं। अगर कोई पुरुष मॉइस्चराइजिंग लोशन लगाता है, नए से नए फ़ैशन पर नज़र रखता है, अपने नाखूनों की ख़ूबसूरती पर ध्यान देता है, ब्यूटी सैलून जाने में भी लापरवाही नहीं बरतता और सिर्फ़ जिम में जाकर ही मेहनत करता है, तो उस पर शक पैदा हो ही जाता है। खेल के मैदान में तो रूसी लोग ताक़तवर बनने के लिए जाते हैं, जिम में जाकर शरीर को ख़ूबसूरत नहीं बनाते।
रूस-भारत संवाद... Читать дальше...