रूस के विदेश मन्त्री सिर्गेय लवरोफ़ ने बताया कि फ़रवरी के मध्य में अफ़गानिस्तान को लेकर मास्को में होने वाली बैठक में भारत भी भाग लेगा। इस बैठक में भारत और रूस के अलावा अफ़गानिस्तान, चीन, ईरान और पाकिस्तान के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे।
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पिछली सदी के नौवें दशक में अमरीका का यह मानना था कि सोवियत संघ दुनिया को अकेला ऐसा देश है, जो एटमी हमले को भी कुशलतापूर्वक झेल सकता है। अब 2017 में अमरीकी अधिकारी फिर से यह जानना चाहते हैं कि रूस एटमी हमले से अपना कितना बचाव कर सकता है।
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‘रोसएटम ओवरसीज’ नामक रूसी कम्पनी के निदेशक येव्गेनी पकिरमानफ़ ने ’रूस-भारत संवाद’ को बताया कि जल्दी ही भारत सरकार रूसी इंजीनियरों के सहयोग से एक और नए परमाणु बिजलीघर का निर्माण करने के लिए जगह तय कर लेगी। इसके बाद रूस और भारत नया बिजलीघर बनाने के सिलसिले में एक अनुबन्ध पर हस्ताक्षर करेंगे।
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