समाचार समिति ’रिया नोवस्ती’ के संवाददाता ने ख़बर दी है कि आज शंघाई सहयोग संगठन (शंसस) के सदस्य देशों के नेताओं ने भारत और पाकिस्तान को शंसस का पूर्ण सदस्य बनाने से जुड़े फ़ैसले पर हस्ताक्षर कर दिए।
इसके साथ ही भारत और पाकिस्तान को शंघाई सहयोग संगठन में शामिल करने की प्रक्रिया पूरी हो गई। अब ये दोनों देश शंसस के पूर्णाधिकार प्राप्त सदस्य बन गए हैं।
इस अवसर पर बोलते हुए भारत के प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने कहा — हमें विश्वास है कि भारत और शंसस के बीच सहयोग नई दिशाओं में आगे बढ़ेगा और क्षेत्रीय स्तर पर आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई को इससे नया प्रोत्साहन मिलेगा। शंसस के प्रयत्नों से अफ़ग़ानिस्तान में शान्ति और स्थिरता की स्थापना में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि उनका देश 12 साल तक शंसस में पर्यवेक्षक के रूप में भाग लेता रहा है, इसके बाद ही उसे शंसस की सदस्यता मिली है। उन्होंने विश्वास प्रगट किया कि अब शंसस के अन्य सदस्य देशों के साथ भारत की सहयोग नई ऊँचाइयों को छुएगा।
पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री नवाज़ शरीफ़ ने शंसस के संस्थापक देशों के प्रति इसके लिए आभार प्रकट किया कि उन्होंने पाकिस्तान को शंसस का सदस्य बनाने के लिए लगातार उसका समर्थन किया। नवाज़ शरीफ़ ने कहा —इसके साथ-साथ हम शंसस के महासचिव और शंसस की पूरी टीम के भी आभारी हैं कि उन्होंने शंसस में हमें शामिल करने की पूरी प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी की।
शंसस के सदस्य देशों के व्यापक शिखर सम्मेलन में नेताओं ने उग्रवाद से निपटने के बारे में एक घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किए और यह बयान दिया कि शंसस के सभी सदस्य देश मिलकर अन्तरराष्ट्रीय आतंकवाद का प्रतिरोध करेंगे।
शंसस में शामिल होने से भारत को क्या फ़ायदा होगा?