रूस के व्यापार और उद्योग मन्त्रालय ने प्रस्ताव रखा है कि घरेलू बाज़ार में मोटर-कारों की घटती हुई बिक्री को पूरा करने के लिए कम दामों पर कारों का विदेशों को निर्यात किया जाए। 15 जून को मन्त्रालय की वेबसाइट पर प्रकाशित ’2025 तक मोटरकार उद्योग के निर्यात के विकास की रणनीति’ के मसौदे में यह बात कही गई है।
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/ Lori/Legion-Media
भारत और श्रीलंका की तरह रूस में भी चाय उगाई जाती है। हर साल रूसी लोग 1 लाख 70 हज़ार टन चाय पी जाते हैं, जबकि ब्रिटेन में भी चाय की इतनी ज़्यादा खपत नहीं होती है। सबसे ज़्यादा आश्चर्य की बात तो यह है कि रूस एक ठण्डा देश है, इसके बावजूद रूस में चाय उगाई जाती है।
दुनिया के धुर उत्तरी चायबागान कोहकाफ़ के उस इलाके में बने हुए हैं, जहाँ 2014 के शीतकालीन ओलम्पिक खेलों की राजधानी सोची से बस डेढ़ घण्टे का सफ़र करके पहुँचा जा सकता है। सोची मस्क्वा से 1400 किलोमीटर दूर एक पर्यटन नगरी है... Читать дальше...
मस्क्वा (मास्को) से 1416 किलोमीटर दूर स्थित येकातिरिनबूर्ग नगर से 550 किलोमीटर दूर उराल पर्वतमाला के उत्तरी इलाके में हलतचाह्ल नाम का एक पहाड़ है। स्थानीय आदिवासी पहाड़ी जनजाति मानसी की भाषा में हलतचाह्ल का मतलब होता है — मौत का पहाड़ या मृतकों की पहाड़ी। इस पहाड़ से एक कथा जुड़ी हुई है कि पुराने ज़माने में कभी इस पहाड़ पर 9 शिकारियों को मार डाला गया था। तब से इस पहाड़ पर कोई नहीं जाता। यह भी कहा जाता है कि इस पहाड़ पर कभी भी नौ आदमियों को एक साथ नहीं जाना चाहिए।
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हैलिकॉप्टरों के इस नए मॉडल को ’केए-62’ नाम दिया गया है। विगत मई 2017 में रूस में आयोजित हैलिकॉप्टर प्रदर्शनी ’हेल-रशिया’ में इस हैलिकॉप्टर ने अपनी पहली उड़ान भरी थी। और यह उड़ान सनसनीखेज रही क्योंकि किसी को भी यह उम्मीद नहीं थी कि जिस हैलिकॉप्टर को बनाने में 20 साल का समय लग गया है, वह कभी उड़ान भी भरेगा।
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मरीया लगच्योवा ने जीवविज्ञान संकाय में अपनी शिक्षा पूरी की और आज वे रूस के प्रसिद्ध मस्क्वा (मास्को) विश्वविद्यालय की जीनोमिक विश्लेषण प्रयोगशाला में विभिन्न पौधों की जीनोमिक्स की पड़ताल करती हैं। 2014 में उन्हें अपने एक शोध के लिए ल’ओरियल-यूनेस्को पुरस्कार मिला था। मरीया ने कहा — मेरे पति भी मेरे साथ ही मेरी ही प्रयोगशाला में काम करते हैं और यह बहुत अच्छा है क्योंकि अगर ऐसा नहीं होता तो हमारी कभी मुलाकात ही न हो पाती। हम दोनों ही अपने-अपने काम में लगे रहते हैं।
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बस, बहुत बदसूरत नहीं हो
रूसी औरतें ऐसे पुरुषों को अच्छी नज़र से नहीं देखती हैं, जो अपना वैसे ही ख़याल रखते हैं, जैसे औरतें रखती हैं। अगर कोई पुरुष मॉइस्चराइजिंग लोशन लगाता है, नए से नए फ़ैशन पर नज़र रखता है, अपने नाखूनों की ख़ूबसूरती पर ध्यान देता है, ब्यूटी सैलून जाने में भी लापरवाही नहीं बरतता और सिर्फ़ जिम में जाकर ही मेहनत करता है, तो उस पर शक पैदा हो ही जाता है। खेल के मैदान में तो रूसी लोग ताक़तवर बनने के लिए जाते हैं, जिम में जाकर शरीर को ख़ूबसूरत नहीं बनाते।
रूस-भारत संवाद... Читать дальше...
रूस के सुदूर-पूर्व के इलाके की यात्रा करना अब विदेशियों के लिए बहुत सुविधाजनक हो जाएगा। अब पर्यटकों और व्यवसायियों को इलैक्ट्रोनिक वीजा दिया जाया करेगा । इस सिलसिले में रूस के सुदूर-पूर्व विकास मन्त्रालय की वेबसाइट पर 5 जून को जानकारी प्रकाशित की गई है। 1 अगस्त 2017 से इलैट्रोनिक वीजा लेकर यात्री व्लदिवस्तोक में प्रवेश कर सकेंगे।
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एर्न्स्ट हेमिंग्वे के घर में क़रीब 50 बिल्लियाँ और बिलौटे थे और मार्क ट्वेन की प्रशिक्षित बिल्लियाँ सोने का बहाना करती थीं। कवि विलियम वर्ड्सवर्थ अपने प्रिय कुत्ते को अक्सर अपनी कविताएँ पढ़कर सुनाया करते थे और कुर्त वोन्नेगुत ने एक बार कहा था — कुत्ता औरतों से ज़्यादा प्रेरणा देता है क्योंकि औरतों के मुक़ाबले वो हमेशा आपके साथ रहता है। रूस-भारत संवाद आज आपको उन जानवरों के बारे में बता रहा है, जो रूसी लेखकों को प्रिय थे।
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