इस पूश्किन कला संग्रहालय की स्थापना मस्क्वा (मास्को) इम्पीरियल विश्वविद्यालय के अन्तर्गत की गई थी। तब पूश्किन कला संग्रहालय का नाम था — ज़ार अलिक्सान्दर तृतीय सजावटी कला संग्रहालय। 31 मई 1912 को पूश्किन कला संग्रहालय का उद्घाटन हुआ था। फिर 1917 की समाजवादी क्रान्ति के बाद रूस में सत्ता संभालने वाली नई सरकार ने उसका नाम बदलकर राष्ट्रीय ललित कला संग्रहालय कर दिया और फिर 1937 में रूसी महाकवि अलिक्सान्दर पूश्किन की पुण्यतिथि (स्मरण दिवस) की सौवीं जयन्ती के अवसर पर इस संग्रहालय का नाम बदलकर पूश्किन ललित कला संग्रहालय कर दिया गया।
आज साँक्त पितेरबुर्ग (सेण्ट पीटर्सबर्ग) के हेरमिताज संग्रहालय के साथ-साथ मस्क्वा का यह पूश्किन कला संग्रहालय पूरी दुनिया में मशहूर है। यहाँ प्राचीन काल से लेकर आज के हमारे समकालीन युग तक की विदेशी चित्रकला और मूर्तिकला सम्पदा का विराट खजाना संग्रहित है। पूश्किन कला संग्रहालय मस्क्वा के केन्द्र में स्थित मस्क्वा क्रेमलिन और अन्य प्रसिद्ध जगहों के एकदम पास ही स्थित हैं, जहाँ पैदल पहुँचा जा सकता है। यहाँ पर पूरे साल इंगलिश, फ्रेंच, जर्मन, स्पेनिश, इतालवी और चीनी जैसी प्राचीन और आधुनिक कलाओं की प्रदर्शनियाँ आयोजित की जाती हैं। इसलिए ललित कलाओं और चित्रकला के प्रेमी अक्सर सारी दुनिया से पूश्किन कला संग्रहालय में आते रहते हैं।
माइकेल एंजेलो की 'डेविड' की मूर्ति। स्रोत : Sergei Bobylev/TASS
पूश्किन कला संग्रहालय की स्थापना कलाकारों और छात्रों के लिए एक शैक्षिक और प्रशिक्षण केन्द्र के रूप में की गई थी। इसलिए इस संग्रहालय की इमारत के बनने से पहले ही यूरोप के सर्वश्रेष्ठ कला-केन्द्रों में मूर्तिकला और वास्तुकला की दुनिया की प्रसिद्ध कलाकृतियों की प्रतिकृतियाँ बनवा ली गई थीं। इन सभी प्रतिकृतियों का निर्माण सीधे मूल कृति को देखकर किया गया था और ये अनुकृतियाँ भी देखने में एकदम मूल कलाकृतियों जैसी ही हैं। पूश्किन संग्रहालय के यूनानी कला विभाग में आप पार्थेनन की संगमरमर की मूर्तियाँ और एरिखथियोन के पोर्टिको सजीव देख सकते हैं और उनका मूल्यांकन कर सकते हैं।
ग्रहालय के इतालवी विभाग में रेनेसां युग की मूर्तिकला के प्रतीक — गोलाथ के सिर के साथ डेविड की मूर्ति के तीन विभिन्न रूप देखे जा सकते हैं, जिनका निर्माण माइकेल एंजेलो, डोनाटेलो और वेर्रोकियो ने किया था। इसके अलावा आप यहाँ पर जर्मनी के फ़्रेबेर्ग में बने रोमन लिबफ़्राउनकिर्ख़ गिरजाघर की प्रतिकृति और फ्लोरेंस के बपतिस्मा द्वार की अनुकृति भी देख सकते हैं।
देगास का चित्र 'नीली नर्तकियाँ'। स्रोत : The Pushkin State Museum of Fine Arts
बीसवीं सदी के आरम्भ में रूसी उद्योगपतियों और कला-संरक्षकों सिर्गेय षूकिन और इवान मरोज़फ़ ने पेरिस के कला बाज़ार से नई कलाकृतियों, चित्रों और पेण्टिंगों को ख़रीदने में कोई कंजूसी नई दिखाई और उस समय के सभी प्रमुख चित्रकारों की पेण्टिंगें ख़रीदीं। 1917 की समाजवादी क्रान्ति के बाद इन सभी कलाकृतियों को एक साथ इकट्ठा करके 'नवीन पश्चिमी कला संग्रहालय' बना दिया गया। उसके बाद 1948 में सोवियत सरकार ने 'नवीन पश्चिमी कला संग्रहालय' को बन्द कर दिया और सभी कलाकृतियाँ पूश्किन कला संग्रहालय और हेरमिताज संग्रहालय को दे दीं। पूश्किन कला संग्रहालय में रेनुआँ का चित्र 'झान्ना समारा की शबीह', देगास का चित्र 'नीली नर्तकियाँ', मोनेट की मुख्य चित्र शृंखलाएँ (ढेर, रूऑन कैथेड्रल और बुलेवार दे कपूचिनी से लेकर लिली तक), वॉन गॉग की पेण्टिंग 'लाल अंगूर उत्पादक', गौगुइन की 'अरलेस में कैफ़े' और 'ताहितियन’, मैटिस की 'लाल मछली' और पिकासो की पेण्टिंग 'गेंद पर खड़ी लड़की' आदि देखी जा सकती हैं।
वेनिस में हर दो साल में आयोजित किए जाने वाले अन्तरराष्ट्रीय कला मेले में। स्रोत : Alan Vouba
मस्क्वा के पूश्किन कला संग्रहालय में कलाकृतियों को इस ढंग से प्रस्तुत किया गया है कि दर्शक कला की क्लासिक शैलियों और आधुनिक कला शैलियों का तुलनात्मक अध्ययन कर सकते हैं। एक ही शैली की क्लासिक पेण्टिंगें तथा आधुनिक पेण्टरों द्वारा उसी शैली में या उससे मिलती-जुलती शैली में बनाई गई पेण्टिंगे एक साथ एक ही हाल में लगी हुई हैं। पूश्किन कला संग्रहालय के नए कार्यक्रम के अनुसार अभी तक विम डेल्वोय, विक्टर पिववारफ़, यासुमासा मोरिमुरा और अन्य चित्रकारों के चित्रों की प्रदर्शनी हो चुकी है। वेनिस में हर दो साल में आयोजित किए जाने वाले अन्तरराष्ट्रीय कला मेले में हाल ही में पूश्किन कला संग्रहालय ने समकालीन चित्रकारों की कलाकृतियों का एक बड़ा संग्रह प्रस्तुत किया है।
स्रोत : Artyom Geodakyan/TASS
पूश्किन कला संग्रहालय अपने अस्तित्व के सौ से ज़्यादा सालों में लगातार अपने संग्रह को समृद्ध करता रहा है। आजकल यहाँ पहुँचने वाले दर्शक संग्रहालय के मुख्य भवन में प्राचीन कलाकृतियाँ और उन्नीसवीं सदी की शुरूआत तक की कलाकृतियाँ देख सकते हैं। उन्नीसवीं और बीसवीं सदी की यूरोपीय और अमरीकी कला की प्रदर्शनी भी यहाँ देखी जा सकती है। कलाकारों के चित्रों के निजी संग्रहों के साथ-साथ यहाँ प्रमुख रूसी पियानोवादक स्वितास्लाफ़ रिख्तेर का घर भी स्मारक के रूप में प्रदर्शित है।
स्रोत : The Pushkin State Museum of Fine Arts; Architectural bureau "Project Meganom"
पूश्किन कला संग्रहालय में संग्रहित कलाकृतियाँ कई हज़ार सालों के कला के इतिहास को प्रदर्शित करती हैं। यहाँ दर्शक प्राचीन मिस्र की ममियों और ताबूतों से लेकर बोतचिल्ली, वेरोनेसे और आधुनिक कला तक — सब एक ही जगह पर देख सकता है। लूव्र और हेरमिताज संग्रहालयों की तरह पूश्किन कला संग्रहालय को भी एक ही दिन में पूरा देख पाना संभव नहीं है। सन् 2024 तक पूश्किन कला संग्रहालय के चारों ओर बने ऐतिहासिक भवनों और नए आधुनिक भवनों को मिलाकर उसे एक पूरी कला नगरी का रूप दे दिया जाएगा, जिसमें लाखों कलाकृतियाँ रखी होंगी। इस तरह पूश्किन कला संग्रहालय बढ़कर करीब दुगुना बड़ा हो जाएगा।
वे 12 रूसी शब्द, जिन्हें सारी दुनिया जानती है