अन्तरराष्ट्रीय पितेरबुर्ग (पीटर्सबर्ग) आर्थिक फ़ोरम की पूर्ववेला में रूसी समाचार समिति ’तास’ से बात करते हुए भारतीय उद्योग परिसंघ के प्रमुख चन्द्रजीत बनर्जी ने कहा कि रूस और भारत के रिश्तों में लघु और मध्यम व्यवसाय को बढ़ाने की ज़रूरत है। दो देशों के लघु और मध्यम व्यवसायियों को काफ़ी प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए।
चन्द्रजीत बनर्जी ने कहा — भारतीय उद्योग परिसंघ का मानना है कि दोनों देश आपसी व्यापार, निवेश और आर्थिक सहयोग को बहुत ज़्यादा बढ़ा सकते हैं। दो देशों की सरकारें भी इस बात को मानती हैं। रूस और भारत ने यह उद्देश्य उठाया है कि वे सन् 2025 तक अपना आपसी व्यापार 8 अरब डॉलर से बढ़ाकर 30 अरब डॉलर तक ले जाएँगे और इस बीच पारस्परिक निवेश बढ़ाकर 10 अरब डॉलर से 15 अरब डॉलर तक पहुँचा देंगे।
दो देशों के बीच आपसी सहयोग को सक्रिय बनाने के लिए चन्द्रजीत बनर्जी ने कुछ ठोस सुझाव दिए हैं। उनके अनुसार, भारत को यूरेशियाई आर्थिक संघ के साथ मुक्त व्यापार समझौता करना चाहिए तथा रूस और भारत के बीच एक ’हरित गलियारा’ बनाना चाहिए। इसके अलावा दो देशों को आपस में जोड़ने वाले और भारत से रूस तक जाने वाले अन्तरराष्ट्रीय रेलमार्ग ’उत्तर-दक्षिण’ को भी जल्दी से जल्दी शुरू करना चाहिए।
भारत और रूस के बीच रेल चलनी शुरू हो गई
चन्द्रजीत बनर्जी ने कहा — यह मल्टीमॉडल परिवहन मार्ग हिन्द महासागर और फ़ारस की खाड़ी को कास्पियन सागर के रास्ते तथा रूस और साँक्त पितेरबुर्ग (सेण्ट पीटर्सबर्ग) के रास्ते उत्तरी यूरोप से जोड़ देगा। इस रास्ते से मुम्बई से आस्त्रख़न तक सीधे मालों की ढुलाई की जा सकेगी। यह नया रेलमार्ग भारत से एशिया और यूरोप के देशों तक मालों की ढुलाई का समय घटाकर आधा कर देगा। मालों की ढुलाई का खर्चा भी बहुत कम हो जाएगा।
बनर्जी के अनुसार, यह भी ज़रूरी है कि रूस और भारत के लघु और मध्यम व्यवसायी आपस में सहयोग करें और एक-दूसरे की सहायता करें।
उन्होंने कहा — आज हमारे दो देशों के लघु और मध्यम व्यवसायियों के बीच जो सम्पर्क बने हुए हैं, वे काफ़ी नहीं हैं। भारतीय उद्योग परिसंघ रूस और भारत के लघु और मध्यम व्यवसायियों के साथ मिलकर काम कर रहा है और उन क्षेत्रों में आपसी सहयोग का विकास कर रहा है, जो अभी तक अछूते पड़े हुए हैं।
अन्तरराष्ट्रीय पितेरबुर्ग (पीटर्सबर्ग) आर्थिक फ़ोरम हर वर्ष आयोजित किया जाता है। रूस के साँक्त पितेरबुर्ग में होने वाला यह एक विश्व स्तरीय व्यवसायिक सम्मेलन है, जिसमें उन प्रमुख आर्थिक सवालों पर चर्चा की जाती है, जो रूस और दुनिया के विकासशील बाज़ारों के सामने मुँह उठाए खड़े हैं। इस साल 1 से 3 जून तक अन्तरराष्ट्रीय पितेरबुर्ग आर्थिक फ़ोरम का आयोजन किया गया है। भारतीय उद्योग परिसंघ इस साल इस आयोजन का औपचारिक सहयोगी है। अभी तक 26 देशों के 39 मन्त्री अन्तरराष्ट्रीय पितेरबुर्ग आर्थिक फ़ोरम में भाग लेने की पुष्टि कर चुके हैं। इस सम्मेलन में पाँच हज़ार से अधिक सहभागी उपस्थित रहेंगे। भारत के प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी भी अन्तरराष्ट्रीय पितेरबुर्ग आर्थिक फ़ोरम में भाग लेने के लिए रूस जा रहे हैं, जहाँ उनकी मुलाक़ात रूस के राष्ट्रपति व्लदीमिर पूर्तिन से भी होगी।
रगोज़िन ने नई दिल्ली में नरेन्द्र मोदी और सुषमा स्वराज से मुलाक़ात की