सुदूर इलाकों पर नज़र रखने वाले राडारों से लैस यह अभिनव रूसी टोही विमान अमरीकी अवाक्स विमानों की तरह का ही है। इस विडियो में 7:13 के अंक पर यह विमान एसयू-35एस नामक लड़ाकू विमान के पीछे की तरफ़ खड़ा दिखाई दे रहा है।
ए-50यू विमान की बॉडी पर एक कूबड़-सा उभरा हुआ दिखाई दे रहा है। यह कूबड़ इस विमान का एण्टेना है, जिसकी सहायता से ही यह विमान अपने चारों तरफ़ आकाश और ज़मीन पर सैकड़ों किलोमीटर की दूरी तक होने वाली सभी गतिविधियों पर नज़र रखता है।
रूसी मीडिया में प्रकाशित जानकारियों के अनुसार, विगत अप्रैल माह में ही इस विमान को सीरिया में तैनात किया गया है। इससे पहले सीरिया में टोह लेने का काम रूस का एक दूसरा टोही विमान टीयू-214 आर किया करता था।
रूसी सैन्य विज्ञान अकादमी के प्रोफ़ेसर वदीम कज़्यूलिन ने बताया कि ये दोनों रूसी टोही विमान अलग-अलग क़िस्म के हैं। ए-50यू विमान में रेडियो इलैक्ट्रोनिक टोही उपकरण लगे हुए हैं, जबकि टीयू-214आर ऑप्टिकल इलैक्ट्रोनिक उपकरणों से लैस है।
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रूस-भारत संवाद से बात करते हुए प्रोफ़ेसर कज़्यूलिन ने बताया — इनमें से पहले विमान को सीरिया इसलिए भेजा गया है ताकि सीरिया के पड़ोसी देशों के आसमान पर निगाह रखी जा सके। ए-50यू टोही विमान में लगा राडार इतना शक्तिशाली है कि अपने चारों तरफ़ 800 किलोमीटर के इलाके की टोह लेता है और एक साथ 300 लक्ष्यों पर नज़र रख सकता है। टीयू-214आर टोही विमान में ऑप्टीकल उपकरण लगे हुए हैं, जो आतंकवादी गिरोह ’इस्लामी राज्य’ (आईएस) के आतंकवादी-अड्डों को खोजकर उनकी जानकारी अपनी सैन्य कमान को देते हैं।
उन्होंने आगे बताया — वायुसैनिक अड्डे ह्मेयमिम और भूमध्य सागर में सीरिया के तटवर्ती इलाके में जो टोही राडार व अन्य टोही उपकरण लगे हुए हैं, वे आतंकवादियों के आवागमन पर पूरी तरह से नज़र रखने के लिए काफ़ी नहीं पड़ रहे थे।
प्रोफ़ेसर कज़्यूलिन ने कहा — आतंकवादियों को नियन्त्रित करने के लिए रूस अपनी टोह क्षमता का पूरा-पूरा इस्तेमाल कर रहा है। अब वह अन्तरिक्ष में तैनात रक्षा उपग्रहों सहित ए-50यू टोही विमान और टीयू-214आर टोही विमान का भी भरपूर इस्तेमाल कर रहा है।
विश्लेषकों का कहना है कि इन टोही विमानों को रूस ने सिर्फ़ आतंकवादियों पर नज़र रखने के लिए ही सीरिया नहीं भेजा है। रूस का एक उद्देश्य यह भी है कि रूसी सेनाएँ युद्ध के लिए पूरी तरह से तैयार रहें।
रूस-भारत संवाद से बात करते हुए रूसी समाचारपत्र ’इज़्वेस्तिया’ के सैन्य विश्लेषक दिमित्री सफ़ोनफ़ ने कहा — अगर बड़े स्तर पर लड़ाई शुरू हो जाती है तो रूस की सेना के सभी अंगों के जवानों और अफ़सरों को लड़ाई के लिए पूरी तरह से तैयार होना चाहिए। सीरिया में रूसी सेना युद्ध की वास्तविक परिस्थितियों में युद्ध करने का अभ्यास कर रही है। वह दुश्मन के सचमुच के ठिकानों को खोजने और उन्हें नष्ट करने की कोशिश कर रही है।
इस तरह सीरिया में रूसी सेना के जवानों और अफ़सरों को सचमुच लड़ाई के मैदान में युद्ध करने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है और उनकी तैयारी का स्तर बढ़ाया जा रहा है। सीरिया में रूस वास्तविक युद्ध की परिस्थितियों में अपने नवीनतम हथियारों और सैन्य तकनीक का परीक्षण करके भी देख रहा है।
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